शायरी प्यार की - प्यार मोहब्बत की शायरी
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मोहब्बत की बर्बादी का क्या अफसाना था.
दिल के टुकड़े हो गये पर लोगो ने कहा वाह क्या निशाना था।।
कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की
हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती....!!!
कुछ नहीं चाहिए तुम्हारी एक मुस्कान ही काफी है,
तुम दिल में बसे रहो ये अरमान ही काफी है,
हम ये नहीं कहते हमारे पास आ जाओ,
बस हमें याद रखना ये एहसान ही काफी है
जरुरी नहीं कि इंसान प्यार की मूरत हो
सुंदर और बेहद खूबसूरत हो,
अच्छा तो वही इंसान होता है,
जो तब आपके साथ हो,
जब आपको उसकी जरुरत हो।
आओ ले चलें इश्क को वहाँ तक
जहाँ फिर से कोई कहानी बने जहाँ
फिर कोई गालिब नज्म़ पढे
फिर कोई मीरा दिवानी बने !!
उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी है,
नाम लब पर है और जान बाकी है,
क्या हुआ अगर देख कर मुंह फेर लेते है,
तसल्ली है की शक्ल की पहचान बाकी है. .
मुहब्बत में सच्चा यार न मिला
दिल से चाहे हमें वो प्यार न मिला।
लूटा दिया उस लिए सब कुछ मैने
मुसीबत में मुझे मददग़ार न मिला।
मेरे वजूद में काश तु उतर जाऐ,
मैं देखुँ आईना और तु नज़र आऐ,
तु हो सामने और वक्त ठहर जाऐ,
ये जिन्दगी तुझे यूँ देखते हुऐ गुजर जाऐ..
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