Ek Jaat Ke Koye Baalak Na Tha
एक जाट के कोए बालक ना था। उसने खूब मन्नतें मांगी, नंगे पैर तीर्थ यात्रा पर गया, धरती पै सोया, सारे देवी देवताओं के दर्शन करै, घणै दिन तक ब्रत करया, और आखरी में कठिन निर्जला व्रत शुरू कर दिया। फैर भगवान् खुद प्रकट होए और हाथ जोड़ कै बोले.. " पहले ब्याह तो कर ले खसम "