वॉट्सअप और फेसबुक की स्थिति कुंभ मेले जैसी हो गई है. चारों तरफ अखाडे़ ही अखाडे़. . . (ग्रुप ही ग्रुप). . . किसी में एक तो किसी में २-३-४ महंत..(ऐडमिन) है.... कुछ साधु नियमित प्रवचन करते हैं , कुछ हफ्ते में एक - दो बार और कुछ साधु तो एेसी कठीन साधना मे लीन बैठे है जो प्रवचन भी नही करते और दर्शन भी नही देते हैं ...!!!!!