कल रात देर से घर आया। जैसे ही पलंग पर पीठ टिकाई.... वो बोली - शराब पीकर आये हो ना...? मै बोला - हाँ सच है..... पर तुमने कैसे पहचाना...? वो बोली - आपका घर पड़ोस में है।
मैं पीकर नहीं बहकता, बहकता हूँ तो उसे देखकर. अब बताओ ज़रा कि शराब हराम है या वो ?? इतने में मम्मी के कमरे से आवाज़ आई, "शराब हराम है, और वो, हरामजादी हैं, और तु हरामखोर " माँ कसम, सब क्लियर हो गया।
Sharab body ko khatam karti hai. Sharab samaj ko khatam karti hai. Aao aaj iss sharab ko khatam karte hai. Ek bottal tum khatam karo . Ek hum khatam karte hai.